उन्होंने कहा कि मनुष्य की चिंता आध्यात्मिक होनी चाहिए क्योंकि सांसारिक चिंता से उसकी ऊर्जा परिवार में ही समाप्त हो जाती है।
3.
हरिमोहिनी के लिए यह समस्या केवल सांसारिक चिंता की नहीं थी, यह उनके मुक्ति के मार्ग में भी बाधा बन रही थी।
4.
उपचारक, 7. पत्थर की नस, 8. चिंगारी, 9. कष्टकारी, 10. सांसारिक चिंता, 11. दरिया में डूबना, 12. अलग से, 13. अकेला, 14.
5.
जीवन भर सांसारिक चिंता में निरंतर रहकर कोई वृद्धावस्था में सहसा संसार को त्याग कर मुक्ति का मार्ग ग्रहण कर ले, यह एक मात्र भगवान की असीम कृपा का फल हो सकता है।
6.
मैंने समझा था कि तू है तो दरख़्शा * है हयात ** तेरा ग़म है तो ग़मे-दहर *** का झगडा क्या है तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात ^ तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है * प्रकाशमान, ** जिंदगी *** सांसारिक चिंता ^ स्थायित्व
7.
बीच में सोचा कि ऊपर वाली बर्थ से उतर कर नीचे स्थापित हो जायें ताकि नीचे की बर्थ के नीचे रखे जूते अपने पैर में धारण करके उनके चोरी जाने की चिरकुट किंतु सहज स्वाभाविक सांसारिक चिंता से मुक्त हो सकें लेकिन डिब्बे की भीड़ ने हमें यथास्थान स्थापित रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं दिया।